राजमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर

"ईश्वर ने मुझ पर जो जिम्मेदारी सौंपी है, मुझे उसे निभाना है।
प्रजा को सुखी रखने व उनकी रक्षा का भार मुझ पर है।
सामर्थ्य व सत्ता के बल पर मैं जो कुछ भी यहाँ कर रही हूँ, उस हर कार्य के लिए मैं जिम्मेदार हूँ .जिसका जवाब मुझे ईश्वर के समक्ष देना होगा।
यहाँ मेरा अपना कुछ भी नहीं, जिसका है मैं उसी को अर्पित करती हूँ।
जो कुछ है वह उसका मुझ पर कर्ज है, पता नहीं उसे मैं कैसे चुका पाऊँगी "

इतने उच्च और पवित्र विचारों वाला शासक कोई देवता ही हो सकता है और ये विचार रानी अहिल्याबाई होल्कर के है । जिन्हें उनकी एक राजा और प्रशासक के तौर पर नए आयाम स्थापित किये |

अहिल्या बाई का जन्म महाराष्ट्र के चौंडी गांव में मालको जी शिंदे के यहाँ हुआ (31 मई 1725), उनकी तेजस्विता और भक्ति भाव को देखकर मल्हारराव होल्कर ने उन्हें अपनी पुत्रवधू बनाया और वे खंडेराव होल्कर की धर्मपत्नी बनकर महेश्वर आ गई | समय के साथ अहिल्या बाई राजकाज , युध्द कौशल और अर्थ व्यवस्था के सूत्र आत्मसात करती चली गई | राजमाता अहिल्याबाई होल्कर का जीवन उतार चढ़ाव और चुनोतियों भरा रहा और वे भक्तिभाव के साथ कर्मवीरों की तरह जीवन में लड़ती रही और आगे बढती रही | उनके पति खंडेराव एक युद्ध में मरे गए , उनके ससुर मल्हारराव होल्कर ने उन्हें संघर्ष के साथ जीने की शिक्षा दी | लेकिन कुछ समय बाद मल्हारराव होल्कर भी नहीं रहे | अहिल्या बाई की दो संताने थी पुत्र मालेराव व पुत्री मुक्ताबाई | एकमात्र पुत्र मालेराव भी राज काज सम्हालने के एक वर्ष के अंदर ही स्वर्ग सिधार गए | और अंततः राजकाज देवी अहिल्याबाई के हाथों में आया और वे लगभग २९ वर्षों तक अपने सुशासन से इतिहास बनाती गई |
देश भर के तीर्थों में राजमाता ने घाट, धर्मशालाये, मंदिर बनवाए | महेश्वर का पुनर्निर्माण कराया , परिक्रमावासियों के लिए सुविधाएँ , अन्नदान, धनदान उनका नित्य कर्म होता था | वे ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान, पूजा , ध्यान से निवर्त होकर जन सेवा में लग जाती थी.| महेश्वर के साड़ी उद्योग को परम्पराओ के आगे देश भर में ख्यात रूप अहिल्या बाई ने ही दिलवाया |
देवी अहिल्या बाई होल्कर का स्वर्गवास 13 अगस्त 1795 को हुआ | आज भी महेश्वर के राजवाड़े में राजगद्दी और मूर्ति, उनके पूजा गृह के देवी देवता, सोने का झूला को देखकर राजमाता की कृपा उनके अनुगृह का अनुभव होता है | अहिल्यादेवी की यद् में छत्री का निर्माण हुआ ,

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