कैसे पहुंचे महेश्वर

महेश्वर अपने जिला मुख्यालय खरगोन से लगभग 40 किलोमीटर है | जबकि मध्य भारत के मुख्य व्यवसायिक केंद्र इंदौर से 90 किलोमीटर है |
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पश्चिम में महेश्वर लगभग 55 किलोमीटर है, जबकि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन से इसकी दूरी लगभग 150 किलोमीटर है | 

हवाई मार्ग : समीपस्थ हवाई अड्डा इन्दौर है जो महेश्वर से लगभग 95 किलोमीटर है |  यह हवाई अड्डा " देवी अहिल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एअरपोर्ट " देश के सभी मुख्य शहरों से  जुड़ा है |

 

रेल मार्ग : सीधे तौर पर महेश्वर रेलवे से  पर जुड़ा हुआ नहीं है, समीपस्थ रेलवे स्टेशन  बड़वाह (इन्दौर-खंडवा रूट) लगभग 40 किलोमीटर दूर है | वर्तमान में वेज परिवर्तन के कारण यह रेल रूट भी अभी बाधित है | अतः  रेल से आना भी इन्दौर  


सड़क मार्ग  : महेश्वर सड़क मार्ग से बहुत ही सुविधा पूर्ण रूप से जुड़ा हे | मुंबई -आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग  से मात्र 20 KM दूर है | यहाँ पहुचने वाले सभी रास्ते अच्छे बने हुए है | 

महत्वपूर्ण दूरियां 
इन्दौर  95 Km
खरगोन  35 Km
खंडवा  125 Km
ओमकारेश्वर   60 Km ( ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग )
उज्जैन 150 km ( महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग )

महेश्वर का किला

प्राचीन भारतीय निर्माण कला , युद्ध कौशल और रक्षा निति का एक उत्तम उदाहरण हे महेश्वर का किला | लगभग २ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को सुरक्षा देने वाले इस किले के निर्माण का समय 4थी से 5वीं शताब्दी के मध्य का आंका जाता है | किले के ......पूरा पढ़िए |

महेश्वर का पौराणिक महत्व और इतिहास

महेश्वर का पौराणिक महत्व और इतिहास महेश्वर के अत्यंत गौरवशाली पौराणिक इतिहास के कारण ही देवी अहिल्या ने महेश्वर को राजधानी बनाया था |
इसके पूर्व महत्वपूर्ण इतिहास में यह शहर पंडित मंडन मिश्र वह उनकी धर्मपत्नी विदुषी भारती देवी की विद्वता से प्रकाशित हुआ करता था ......पूरा पढ़िए |

राजमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर

"ईश्वर ने मुझ पर जो जिम्मेदारी सौंपी है, मुझे उसे निभाना है।
प्रजा को सुखी रखने व उनकी रक्षा का भार मुझ पर है।
सामर्थ्य व सत्ता के बल पर मैं जो कुछ भी यहाँ कर रही हूँ, उस हर कार्य के लिए मैं जिम्मेदार हूँ ......पूरा पढ़िए |