माहेश्वरी साड़ियां

महेश्वर पांचवी शताब्दी से ही हस्तकरघा बुनकरों का केंद्र रहा है आज भी महेश्वर में बेहतरीन साड़ियां हस्तकरघा लूम द्वारा बनाई जाती है । महेश्वर में बनी महेश्वरी साड़ियों की देश में अलग ही पहचान और स्थान है। महेश्वरी साड़ियों के निर्माण की वर्तमान व्यवस्था भी देवी अहिल्या बाई के की दूरदर्शिता का ही परिणाम है । राजमाता ने 1964 में इस उद्योग को नए आयाम दिए उन्होंने कर्नाटक गुजरात हैदराबाद और मालवा के कारीगरों को महेश्वर मैं सुविधाएं देकर स्थापित किया।महेश्वरी साड़ियां सुती व सिल्क द्वारा बनाई जाती है जिनमें शानदार डिजाइन, कारीगरी , चेक्स धारीदार व बेहतरीन बॉर्डर के साथ बनाई जाती है । महेश्वरी साड़ियों की विशिष्टता में चौड़ी किनार वाली बॉर्डर मुख्य है जो कि एक से छह इंच तक की होती है । साड़ियों में महेश्वर की स्थापत्य कला जोकि मंदिर , घाट इत्यादि स्थानों पर पत्थर पर उकेरी गई है साड़ियों में दिखाई देती है। इन साड़ियों को बनाने में डिजाइन वक्त रंग मिश्रण के आधार पर अलग-अलग समय लगता है जोकि 3 दिन से लेकर 15 दिन तक भी कुछ साड़ियों को बुनने में लग जाते हैं।

आज महेश्वर में महेश्वरी साड़ियों के बाजार और शोरूम है बाहर भी महेश्वरी साड़ियों का अच्छा खासा बाजार है लेकिन बुनकर लोग कम आय के कारण आज इस कला को छोड़कर अन्य रोजगार अपनाने लगे हैं। रेवा सोसायटी जो कि एक NGO है इस कला और व्यवसाय के लिए काम कर रही है । महेश्वर आने वाले पर्यटकों की एक इच्छा इन साड़ियों को देखना व खरीदना रहता ही है।.

राजमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर

"ईश्वर ने मुझ पर जो जिम्मेदारी सौंपी है, मुझे उसे निभाना है।
प्रजा को सुखी रखने व उनकी रक्षा का भार मुझ पर है।
सामर्थ्य व सत्ता के बल पर मैं जो कुछ भी यहाँ कर रही हूँ, उस हर कार्य के लिए मैं जिम्मेदार हूँ ......पूरा पढ़िए |

रेवा सोसायटी , महेश्वर

रेवा सोसायटी का 1979 में महेश्वर में बुनकरों के लाभ व महेश्वरी  साड़ियों के निर्माण हेतु गठन किया गया था | यह संस्था लाभ के लिए काम नही करती है  होने वाले लाभ को बुनकरों के कल्याण के लिए खर्च किया जाता है |
संपर्क सूत्र :
रेवा सोसायटी
महेश्वर 
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कैसे पहुंचे महेश्वर

महेश्वर अपने जिला मुख्यालय खरगोन से लगभग 40 किलोमीटर है | जबकि मध्य भारत के मुख्य व्यवसायिक केंद्र इंदौर से 90 किलोमीटर है |
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पश्चिम में महेश्वर लगभग 55 किलोमीटर है, जबकि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन से इसकी दूरी लगभग 150 किलोमीटर है | 

हवाई मार्ग : समीपस्थ हवाई ......पूरा पढ़िए |