श्री राजराजेश्वर मंदिर

वर्तमान में श्री राजराजेश्वर मंदिर एक शिवालय के रूप में है , जहाँ 11 अखंड दीपक कई शताब्दियों से जल रहे है , और किसी आधी, तूफान, बारिश , बाढ़, युद्ध इत्यादि से कभी बुझे नहीं | माना जाता है की यह सोमवंशिय सहस्त्रार्जुन कार्तवीर्य अर्जुन का समाधि मंदिर है | 

सहस्त्रार्जुन कार्तवीर्य अर्जुन का जन्मदिन महेश्वर में बड़े उत्साह से मनाया जाता है , तीन दिन चलने वाला यह उत्सव अगहन माह की शुक्ल सप्तमी से प्रारंभ होता है व समाप्ति पर बड़ा भोजन भण्डारा किया जाता है |

अखंड दीपक हेतु शुद्ध घी का दान, सुखकारक पुन्य वर्धक माना जाता है अतः  यहाँ आने वाले श्रद्धालु शुद्ध घी का दान करते है इसीलिए  यहाँ हमेशा ही शुद्ध घी का भंडार बना रहता है |

 

 

 

महेश्वर का पौराणिक महत्व और इतिहास

महेश्वर का पौराणिक महत्व और इतिहास महेश्वर के अत्यंत गौरवशाली पौराणिक इतिहास के कारण ही देवी अहिल्या ने महेश्वर को राजधानी बनाया था |
इसके पूर्व महत्वपूर्ण इतिहास में यह शहर पंडित मंडन मिश्र वह उनकी धर्मपत्नी विदुषी भारती देवी की विद्वता से प्रकाशित हुआ करता था ......पूरा पढ़िए |

महेश्वर का काशी विश्वनाथ मंदिर

महेश्वर का काशी विश्वनाथ मंदिर लगभग 4 शताब्दी पूर्व का अनुमानित  हे जिसका निर्माण राजमाता अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था | नर्मदा कनारे निर्मित यह शिव मंदिर अत्यंत सुन्दर और भव्य हे | नर्मदा नदी का दर्शन यहाँ से अत्यंत लुभावना है |

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अहिल्येश्वर महादेव मंदिर

राजमाता देवी अहिल्याबाई होलकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के उद्देश्य से इस शिवालय का निर्माण किया  गया था । इस मंदिर का निर्माण लगभग 34 वर्ष में हुआ  था, उस समय के हिसाब से यह काफी खर्चीला निर्माण जिसमे  लगभग 1.5 करोड़ रु लगे  थे । इस मंदिर की  ध्वजा ......पूरा पढ़िए |

ज्वालेश्वर महादेव मंदिर, महेश्वर

ज्वालेश्वर महादेव मंदिर महेश्वरी और नर्मदा नदी के संगम पर पश्चिम ओर स्थित है | कथाओ के अनुसार यह शिवलिंग तब प्रकट हुआ था जब भगवन शिव ने त्रिपुरासुर नमक राक्षस का वध किया था ओर अपने अस्त्र शस्त्र इसी स्थान पर नर्मदा जी में अर्पित कर दिए ......पूरा पढ़िए |

कालेश्वर महादेव मंदिर

कालेश्वर महादेव मंदिर एक अत्यंत प्राचीन मंदिर है | यह मंदिर  महेश्वरी और नर्मदा नदी के संगम पर पूर्वी तट की  ओर स्थित है | इसका निर्माण ९ वी -१० वी शताब्दी का आंकलित हे | एक शिला अभिलेख से ज्ञात होता है की सम्राट अकबर के समय ......पूरा पढ़िए |

बाणेश्वर महादेव मंदिर

नर्मदा के तीव्र प्रवाह के मध्य एक टापू पर बना अत्यंत प्राचीन मंदिर एक शिवालय है , मान्यता है कि द्वापर युग में बाणासुर ने यहाँ कठिन तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था | बाणेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण  लगभग एक हज़ार साल पुराना बताया जाता है | ......पूरा पढ़िए |

कदम्बेश्वर महादेव

कदम्बेश्वर महादेव , ज्वालेश्वर  मंदिर के पीछे कदम्ब वन में  स्थापित है | इसी स्थान पर जगत गुरु शंकराचार्य ने विश्राम किया था व पंडित मन्डन मिश्र से शास्त्रार्थ किया था | यह स्थान पंडित मन्डन मिश्र की उपासना का भी स्थान है |

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